ग़ज़ल 11



सबको गले लगाता हूँ
जाने क्यों मैं ऐसा हूँ

माँ अक्सर  ये कहती है
मैं छोटा सा बच्चा हूँ

मुद्दत बाद मिलेगा वो
पूछ न बैठे कैसा हूँ

तुमने जैसा छोड़ा था
देखो अब भी वैसा हूँ

सबके हाथों खर्च हुआ
क्या  मैं रुपया-पैसा हूँ


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