ग़ज़ल 13


जो होना था..वो होना था..
मुझे हर हाल रोना था

कहानी में लिखा था क्या
मुझे जंगल में खोना था

बदन फैला रहा था मैं..
मुझे दरिया डुबोना था

खुदा ने कुछ कहा होता
मुझे क्या क्या  संजोना था

तो आख़िर मर गया मस्तो
तमाशा ख़त्म होना था


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