आँखें


किसी पत्थर की मूरत को
ज़िन्दा रखती हैं
एक जोड़ी आँखें
जिनसे जगी रहती है
उम्मीद
कि कोई उन्हें देख रहा है...

मेरी देवि !
तुम्हारी बड़ी शफ्फाफ आँखें
मेरी उम्मीद ए दुनिया है.


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