यात्रा


तिरे भीतर
गुज़र कर
.
.
समझ पाया
मैं ख़ुद को...
.
ये सच है
जानना ख़ुद को
ख़ुदा को जान लेना है
मगर मैने ख़ुदा को
जानना चाहा कहां था
मिरा मकसद
गुज़ारना था...
बदन को पार कर के
फिर
बदन पाया
मगर ये सच मिरा है

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