फोकस in पहाड़ों से उतरती धूप, मस्तो, poetry with कोई टिप्पणी नहीं रोते हुए तुममुझसेलड़ोगी कैसे?जीतोगी कैसे?रोने से तुम्हारा फोकस जो बिगड़ जाता है। Share:
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