तवाज़ुन


घर आया
चला दिया टीवी
सुनता रहा न्यूज़
एक कान से
और दूसरे से
बीवी की बातें ...
:
बच्चा उठा
आ के चिपक गया...
हुआ फिर से
अपराध बोध
:
की तोतली ज़बान में
उस से बातें...
उठाया गोद मे,
खेलाया..
बहलाया..
उसको ?
फिर बैठा दिया
तीन पहियों की साइकल पर...
टीवी रिमोट से
बदलता रहा
चेहरे की रौशनी
:
उठा
खाना खाया
बगैर स्वाद लिए...
मगर करता रहा
बातें स्वाद की..
बेमन से पसंद की
कल रात की पार्टी के लिए
बीवी की साड़ी...
रहा मुस्कुराते..
देखता रहा घड़ी..
क्योकि  जाना है कल काम पे ?
यानि मैं सोना चाहता हूँ ?
या मैं भागना चाहता हूँ...??



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