तुम-बारिश


तुम टेरिस पर
कुर्सी डाले
पांव रखे
कुर्सी पर
बारिश देखा करती थी...
:
मैं अन्दर..
सोफे पे बैठे..
तुमको देखा करता हूं...
:
और बारिश की बूँदें जब
स्लीपर पर पड़ती हैं
तुम कुर्सी को
पीछे
खींच लिया करती हो...

हाय!

ये बारिश की बूँदें
तुमको
छूना चाहती हैं
तुमको
पाना चाहती हैं
आखिर ,
किससे भाग रही हो...

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