नूर-ए-यार in पहाड़ों से उतरती धूप, मस्तो, poetry with कोई टिप्पणी नहीं उसने कहा था कुन और तुमने ?कुछ वैसा ही ??खैर !आगे ..ज़ाहिर हुई दुनिया मुझपर... Share:
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