वज़ह-ए-हालत in पहाड़ों से उतरती धूप, मस्तो, poetry with कोई टिप्पणी नहीं सच पूछोतो सब पहले से तय था हमारा मिलनावो सुब्हेंशामेंरातेंबातें...फिर ??हमने तय किया सब कुछ.. Share:
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